प्रसारण विंग

प्रसारण विंग के बारे में

  1. प्रसारण विंग के तहत टीवी (आई) अनुभाग भारत में सैटेलाइट टीवी चैनलों के अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए लागू नीति दिशानिर्देशों के अनुसार भारत में सैटेलाइट टीवी चैनलों के अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए अनुमति देने और उसके नवीनीकरण को नियंत्रित करता है। टेलीपोर्ट/टेलीपोर्ट हब की स्थापना, समाचार एजेंसी द्वारा अपलिंक सुविधा, एसएनजी/डीएसएनजी/ईएनजी उपकरण का उपयोग, भारतीय टेलीपोर्ट के माध्यम से विदेशी चैनलों की अपलिंकिंग आदि की अनुमति टीवी (आई) अनुभाग द्वारा जारी की जाती है। 'व्यवसाय करने में आसानी' और 'अनुपालन में आसानी' को बढ़ावा देने के लिए, भारत में सैटेलाइट टीवी चैनलों की अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए नवंबर 2022 में नीतिगत दिशानिर्देश, 2022 जारी किए गए हैं। पिछले दिशानिर्देशों की तुलना में इन दिशानिर्देशों का एक सरलीकृत और तर्कसंगत ढांचा है। विभिन्न अनुमतियां प्रदान करने की सुविधा के लिए, मंत्रालय ने प्रसारण सेवा पोर्टल (https://new.broadcastseva.gov.in) का एक नया संस्करण लॉन्च किया है, जिसमें आवेदक उपरोक्त सेवाओं के लिए अनुमति प्रदान करने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
  2. प्रसारण विंग (बीसी विंग) केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 के तहत निर्धारित कार्यक्रम और विज्ञापन संहिता और अधिनियम के तहत बनाए गए केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 के अनुसार प्राइवेट सैटेलाइट टीवी चैनलों पर प्रसारित और केबल टेलीविजन नेटवर्क के माध्यम से प्रसारित/पुनः प्रसारित सामग्री और जीओपीए दिशानिर्देशों और आकाशवाणी प्रसारण संहिता के अनुसार निजी एफएम रेडियो चैनलों और सामुदायिक रेडियो स्टेशनों प्रसारित सामग्री के विनियमन से संबंधित सभी मामलों के लिए संबंधित विंग है। विभिन्न नीतिगत दिशानिर्देशों के माध्यम से प्रत्येक प्रसारक के लिए केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 और उसके तहत बनाए गए नियमों के अंतर्गत निर्धारित कार्यक्रम और विज्ञापन संहिता का पालन करने का अनिवार्य दायित्‍व है।
  3. केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 को अधिसूचना संख्या जीएसआर 416 (ई) दिनांक 17.06.2021 द्वारा संशोधित किया गया है, जिससे नागरिकों के टेलीविजन चैनलों द्वारा प्रसारित सामग्री से संबंधित परिवादों/शिकायतों के निवारण के लिए एक सांविधिक तंत्र की व्‍यवस्‍था की गई है। इन नियमों को केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 कहा गया है। इन नियमों में प्रावधान है कि प्रसारक द्वारा कार्यक्रम संहिता और विज्ञापन संहिता का अनुपालन और पालन सुनिश्चित करने के और उससे संबंधित परिवाद या शिकायत यदि कोई हो, का समाधान करने के लिए, एक तीन-स्तरीय संरचना (शिकायत निवारण संरचना) निम्नानुसार होगी: स्तर-I प्रसारकों द्वारा स्व-विनियमन; स्तर-II प्रसारकों के स्व-विनियमन निकायों द्वारा स्व-विनियामक; और स्तर-III केंद्र सरकार द्वारा निगरानी तंत्र।
  4. सरकार ने केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 और उसके तहत बनाए गए नियमों के तहत प्रतिष्ठापित कार्यक्रम और विज्ञापन संहिताओं के उल्लंघन के संबंध में सैटेलाइट टीवी चैनलों की सामग्री की निगरानी और रिकॉर्ड करने की दृष्टि से अत्याधुनिक सुविधा के रूप में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया निगरानी केंद्र (ईएमएमसी) की भी स्थापना की है। ईएमएमसी लगभग 900 चैनलों की निगरानी और रिकॉर्ड करने के लिए सुसज्जित है और वर्तमान में यह सभी अनुमत चैनलों की निगरानी करता है।
  5. प्रसारण विंग में बीपी एंड एल अनुभाग केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 और उसके तहत बनाए गए नियमों, खेल प्रसारण सिग्नल (प्रसार भारती के साथ अनिवार्य साझाकरण) अधिनियम, 2007 और उसके तहत बनाए गए नियमों, डीटीएच दिशानिर्देशों, हिट्स दिशानिर्देशों, आईपीटीवी दिशानिर्देशों और टीआरपी दिशानिर्देशों और प्रसारण क्षेत्र से संबंधित विविध नीतिगत मुद्दो के संचालन से जुड़े नीतिगत मामलों से संबंधित है।
  6. डीटीएच, एचआईटीएस, आईपीटीवी और टीआरपी एजेंसी संबंधी दिशानिर्देश तैयार करने के कार्य के अलावा, आवेदकों से इन दिशानिर्देशों के तहत अनुमति/लाइसेंस/पंजीकरण प्रदान करने के अनुरोधों पर बीपी एंड एल अनुभाग में कार्रवाई की जाती है। नीति/दिशानिर्देशों में संशोधन से संबंधित मामलों को बीपी एंड एल अनुभाग द्वारा डील किया जाता है।
  7. बीपी एंड एल अनुभाग में खेल प्रसारण सिग्नल (प्रसार भारती के साथ अनिवार्य साझाकरण) अधिनियम, 2007 के तहत खेल आयोजनों/खेलों को राष्ट्रीय महत्व का घोषित करने के प्रस्तावों पर युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय, विधि और न्याय मंत्रालय और प्रसार भारती के परामर्श से कार्रवाई की जाती है और राष्ट्रीय महत्व के रूप में चिन्हित खेल आयोजनों / खेलों को भारत के राजपत्र में अधिसूचित किया जाता है।
  8. इसके अलावा, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) समय-समय पर सरकार के अनुरोध पर या स्वत: संज्ञान से दूरसंचार और प्रसारण क्षेत्रों पर अपनी सिफारिशें देता है। प्रसारण क्षेत्र के संबंध में ट्राई द्वारा दी गई सिफारिशों पर बीपी एंड एल अनुभाग द्वारा कार्रवाई की जाती है और अपेक्षित होने पर यह ऐसी सिफारिशों की जांच के लिए गठित अंतर-मंत्रालयी समिति (आईएमसी) की बैठकें आयोजित करने की व्यवस्था करता है।
  9. प्रसारण क्षेत्र के विकास और प्रबंधन हेतु कुशल और पारदर्शी व्यवस्था प्रदान करने के लिए, एक ऑनलाइन पोर्टल "ब्रॉडकास्ट सेवा" विकसित किया गया है और इसे शुरू किया गया है। प्रसारण सेवा पोर्टल प्रसारण संबंधी गतिविधियों के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी विभिन्न अनुमतियों, पंजीकरण, लाइसेंस आदि के लिए विभिन्न हितधारकों और आवेदकों को सिंगल प्वाइंट सुविधाएं प्रदान करता है।

निजी एफएम रेडियो स्टेशन

एफएम सेल को निजी एजेंसियों के माध्यम से एफएम रेडियो प्रसारण सेवाओं के विस्तार पर नीतिगत दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन का कार्य सौंपा गया है। इस नीति के तहत, एफएम चैनल सफल बोलीदाताओं को असेंडिंग ई-नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से आवंटित किए जाते हैं। आशय पत्र (एलओआई) धारक मंत्रालय के साथ अनुमति मंजूरी करार (जीओपीए) पर हस्ताक्षर करते हैं। अनुमति धारकों से वार्षिक शुल्क, जो तिमाही में अग्रिम भुगतान योग्य होता है, का संग्रह उनके शेयरधारिता पैटर्न और निदेशक मंडल में परिवर्तन के साथ-साथ उनके विदेशी निवेश प्रस्तावों को नीति दिशानिर्देशों के अनुसार डील किया जाता है। एडवाइजरी जारी करने सहित प्रसारण सामग्री, प्राइवेट एफएम चैनलों के को-लोकेशन, वार्षिक शुल्क से संबंधित मामलों पर जीओपीए प्रावधानों के उल्लंघन के संबंध में विनियामक कार्रवाई भी की जाती है। आज की तारीख तक, देश भर में फैले 113 शहरों से 388 प्राइवेट एफएम रेडियो चैनल संचालित हो रहे हैं।

निजी सैटेलाइट टीवी चैनल

मौजूदा विनियामक ढांचे के अनुसार, प्राइवेट सैटेलाइट टीवी चैनलों पर प्रसारित कार्यक्रमों और विज्ञापनों को केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 और उसके तहत बनाए गए नियमों के तहत निर्धारित कार्यक्रम संहिताओं और विज्ञापन संहिताओं के अनुसार विनियमित किया जाता है। कार्यक्रम और विज्ञापन संहिताओं में टीवी चैनलों पर कार्यक्रमों और विज्ञापनों को विनियमित करने के लिए कई तरह के मानक शामिल हैं।

केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 1994 को अधिसूचना संख्या जीएसआर 416 (ई) दिनांक 17.06.2021 के माध्यम से संशोधित किया गया है, जिससे टेलीविजन चैनलों द्वारा प्रसारित सामग्री से संबंधित नागरिकों की शिकायतों/परिवादों के निवारण के लिए एक वैधानिक तंत्र प्रदान किया गया है। इन नियमों को केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 कहा जाता है। इन नियमों में प्रावधान है कि प्रसारक द्वारा कार्यक्रम संहिता और विज्ञापन संहिता का पालन सुनिश्चित करने और उससे संबंधित शिकायत या परिवाद, यदि कोई हो, का समाधान करने के लिए, निम्नानुसार तीन-स्तरीय संरचना (शिकायत निवारण संरचना) होगी: स्तर I - प्रसारकों द्वारा स्व-नियमन; स्तर II - प्रसारकों के स्व-विनियामक निकायों द्वारा स्व-विनियमन; और स्तर III - केंद्र सरकार द्वारा निगरानी तंत्र।

कोई भी व्यक्ति, जो किसी चैनल के कार्यक्रम की विषय-वस्तु, कार्यक्रम संहिता या विज्ञापन संहिता के अनुरूप न होने के कारण उससे सहमत नहीं है, तो वह अपनी शिकायत लिखित रूप में प्रसारक या भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) को दर्ज करा सकता है, यदि वह उसके द्वारा निर्धारित विज्ञापन संहिताओं से संबंधित है। प्रसारक एक शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करेगा और उसे प्राप्त शिकायतों के निपटान के लिए एक अधिकारी नियुक्त करेगा। प्रसारक/एएससीआई निर्धारित समय के भीतर निर्णय लेगा और शिकायतकर्ता को इसकी सूचना देगा। जिन शिकायतों/परिवादों का प्रसारक द्वारा समाधान नहीं किया गया है, उनका निपटान केंद्र सरकार द्वारा पंजीकृत स्व-विनियामक निकायों (स्तर-II) द्वारा निर्धारित समय के भीतर किया जाएगा।

निरीक्षण तंत्र के भाग के रूप में, केंद्र सरकार ने शिकायतों या परिवादों की सुनवाई के लिए एक अंतर-विभागीय समिति (आईडीसी) की स्थापना की है जो स्व-विनियामक निकाय के निर्णय से उत्पन्न शिकायतों या परिवादों को आईडीसी को संदर्भित करने पर, या यदि स्व-विनियामक निकाय द्वारा निर्धारित समय के भीतर कोई निर्णय नहीं लिया गया है, या कार्यक्रम संहिता या विज्ञापन संहिता के उल्लंघन से संबंधित ऐसी अन्य शिकायतें या संदर्भ प्राप्त होने पर, जैसा कि वह आवश्यक समझे, की सुनवाई करती है। आईडीसी की अध्यक्षता सूचना और प्रसारण मंत्रालय में अपर सचिव करते हैं और इसमें महिला और बाल विकास मंत्रालय, गृह मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। मार्च 2023 में, भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई), बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई), फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की), भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के डोमेन विशेषज्ञों को आईडीसी सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।

सरकार ने केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 और उसके तहत बनाए गए नियमों के तहत कार्यक्रम और विज्ञापन संहिताओं के उल्लंघन के संबंध में सैटेलाइट टीवी चैनलों की सामग्री की निगरानी और रिकॉर्ड करने के उद्देश्य से अत्याधुनिक सुविधा के रूप में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मॉनिटरिंग सेंटर (ईएमएमसी) की भी स्थापना की है। ईएमएमसी लगभग 900 चैनलों की निगरानी और रिकॉर्ड करने में सक्षम है और वर्तमान में सभी अनुमत चैनलों की निगरानी करता है।

ईएमएमसी की वेबसाइट - www.emmc.gov.in)

मंत्रालय समय-समय पर टीवी चैनलों को कार्यक्रम और विज्ञापन संहिताओं का पालन करने तथा अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों के संबंध में एडवायजरी जारी करता है।

टीवी-इनसैट

"प्रसारण विंग के अंतर्गत टीवी (इनसैट) अनुभाग भारत में सैटेलाइट टीवी चैनलों की अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए अनुमति प्रदान करने और भारत में सैटेलाइट टीवी चैनलों की अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए लागू नीति दिशानिर्देशों के संदर्भ में अनुमति के नवीनीकरण को नियंत्रित करता है। टेलीपोर्ट/टेलीपोर्ट हब की स्थापना करने, समाचार एजेंसी द्वारा अपलिंक सुविधा, एसएनजी/डीएसएनजी/ईएनजी उपकरण का उपयोग, भारतीय टेलीपोर्ट के माध्यम से विदेशी चैनलों की अपलिंकिंग आदि की अनुमति टीवी (इनसैट) अनुभाग द्वारा जारी की जाती है। नवंबर 2022 में 'ईज ऑफ डूईंग बिजनेस' और 'ईज ऑफ कम्पलायंस' को बढ़ावा देने के लिए, भारत में सैटेलाइट टीवी चैनलों की अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए नीतिगत दिशानिर्देश, 2022 जारी किए गए हैं। पिछले दिशानिर्देशों की तुलना ये दिशानिर्देश सरल और तर्कसंगत हैं। विभिन्न अनुमतियां प्रदान करने हेतु, मंत्रालय ने ब्रॉडकास्ट सेवा पोर्टल (http://new.broadcastseva.gov.in) का नया संस्करण लांच किया है, जहां आवेदक उपरोक्त सेवाओं हेतु अनुमति प्राप्त करने हेतु ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।"

क्र.सं. शीर्षक प्रकार/आकार डाउनलोड/विवरण
1 अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग दिशानिर्देश 2022-अंग्रेजी अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग दिशानिर्देश 2022-अंग्रेजी 1.11 मेगा बाइट देखें
2 अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग दिशानिर्देश 2022-हिंदी अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग दिशानिर्देश 2022-हिंदी 1.05 मेगा बाइट देखें
3 अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग दिशानिर्देश 2022 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू) अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग दिशानिर्देश 2022 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू) 454.45 किलोबाइट देखें
4 अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग दिशानिर्देश 2011 अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग दिशानिर्देश  2011 133.28 किलोबाइट देखें
5 एकल हलफनामा एकल हलफनामा 119.07 किलोबाइट देखें
6 पीबीजी का प्रारूप पीबीजी का प्रारूप 33.09 किलोबाइट देखें
7 भारत टेलीपोर्ट से विदेशी टीवी चैनल की अपलिंकिंग के लिए अनंतिम आवेदन प्रपत्र भारत टेलीपोर्ट से विदेशी टीवी चैनल की अपलिंकिंग के लिए अनंतिम आवेदन प्रपत्र 449.55 किलोबाइट देखें
8 न्यूनतम निवल संपत्ति में छूट न्यूनतम निवल संपत्ति में छूट 566.7 किलोबाइट देखें
9 सुरक्षा मंजूरी प्राप्त करने के लिए गृह मंत्रालय का प्रोफार्मा सुरक्षा मंजूरी प्राप्त करने के लिए गृह मंत्रालय का प्रोफार्मा 1.04 मेगा बाइट देखें
10 सार्वजनिक सेवा प्रसारण के दायित्व पर एडवाइजरी सार्वजनिक सेवा प्रसारण के दायित्व पर एडवाइजरी 244.87 किलोबाइट देखें
11 पीएसबी के दायित्व पर एडवाइजरी पीएसबी के दायित्व पर एडवाइजरी 1.09 मेगा बाइट देखें
12 केवल डाउनलिंक सैटेलाइट टीवी चैनलों के लिए न्यूनतम नेटवर्थ आवश्यकता के संबंध में स्पष्टीकरण केवल डाउनलिंक सैटेलाइट टीवी चैनलों के लिए न्यूनतम नेटवर्थ आवश्यकता के संबंध में स्पष्टीकरण 656.4 किलोबाइट देखें
13 सैटेलाइट टीवी चैनलों की अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए नीति दिशानिर्देशों के संबंध में स्पष्टीकरण सैटेलाइट टीवी चैनलों की अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए नीति दिशानिर्देशों के संबंध में स्पष्टीकरण 348.38 किलोबाइट देखें
14 दिशानिर्देशों के तहत निदेशक की परिभाषा पर स्पष्टीकरण दिशानिर्देशों के तहत निदेशक की परिभाषा पर स्पष्टीकरण 447.27 किलोबाइट देखें
15 अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग दिशानिर्देश 2022 पर प्रेस विज्ञप्ति अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग दिशानिर्देश 2022 पर प्रेस विज्ञप्ति 76 किलोबाइट देखें
16 भक्ति आध्यात्मिक योग श्रेणी के अंतर्गत सैटेलाइट टीवी चैनल भक्ति आध्यात्मिक योग श्रेणी के अंतर्गत सैटेलाइट टीवी चैनल 68.79 किलोबाइट देखें
17 भारत कोष लेखा शीर्ष विवरण भारत कोष लेखा शीर्ष विवरण 3.5 मेगा बाइट देखें
18 टीवीआई अनुभाग के विभिन्न खाता शीर्ष टीवीआई अनुभाग के विभिन्न खाता शीर्ष 187.82 किलोबाइट देखें
19 एमएसओ रद्द करने संबंधी एडवाईजरी एमएसओ रद्द करने संबंधी एडवाईजरी 277.61 किलोबाइट देखें
20 अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग दिशानिर्देश 2005 अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग दिशानिर्देश  2005 1.11 मेगा बाइट देखें

वितरण प्लेटफार्म और अन्य

स्थानीय केबल ऑपरेटरों (एलसीओ)

स्थानीय केबल ऑपरेटरों (एलसीओ) को केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 और समय-समय पर संशोधन कर इसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के तहत पंजीकृत किया जाता है। एलसीओ मल्टी-सिस्टम ऑपरेटरों (एमएसओ) से सिग्नल प्राप्त करते हैं और उन्हें उपभोक्ता घरों तक पहुंचाते हैं और इस प्रकार केबल टीवी सेवा चेन में आखिरी बिंदु तक कार्य करने वाले ऑपरेटर के रूप में कार्य करते हैं। वे उपभोक्ताओं के साथ प्रत्यक्ष रुप से भी इंटरैक्ट करते हैं। देश में संचालित एलसीओ का विवरण एलसीओ के राष्ट्रीय रजिस्टर में प्रकाशित किया जाता है जिसे वेबसाइट पर देखा जा सकता है।

वेबसाइट पर जाने के लिए क्लिक करें

टेलीविज़न रेटिंग पॉइंट एजेंसियां

टेलीविजन दर्शक मापन एजेंसियां विभिन्न कार्यक्रमों और चैनलों को उन चैनलों की व्यूअरशिप के आधार पर टेलीविजन रेटिंग पॉइंट (टीआरपी) प्रदान करती हैं। टीआरपी किसी भी चैनल या कार्यक्रम की लोकप्रियता को दर्शाता है और चैनलों को दिए जाने वाले विज्ञापन पर इसका प्रभाव पड़ता है। भारत में टेलीविजन रेटिंग सेवाएँ प्रदान करने के लिए भारतीय कंपनी अधिनियम 1956 या 2013 के तहत पंजीकृत कोई भी कंपनी भारत सरकार द्वारा दिनांक 16 जनवरी 2014 को जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार आवेदन कर सकती है। अधिक जानकारी के लिए कृपया मंत्रालय के प्रसारण सेवा पोर्टल  https://new.broadcastseva.gov.in/digigov-portal-web-app/ पर जाएँ ।

डिजिटल सैटेलाइट न्यूज गैदरिंग

टेलीविजन चैनलों की अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए नीति दिशानिर्देशों के अनुसार (नीति दिशानिर्देश, 2022):: 

  • 'डीएसएनजी/एसएनजी' से डिजिटल सैटेलाइट न्यूज गैदरिंग अभिप्रेत है और यह एक सैटेलाइट आधारित इलेक्ट्रॉनिक प्रौद्योगिकी/उपकरण है जो किसी टीवी चैनल/टेलीपोर्ट/टेलीपोर्ट हब से टीवी स्टूडियो से बाहर दूरस्थ स्थानों से प्रसारण की अनुमति देता है।
  • 'ईएनजी' सेवाओं से इलेक्ट्रॉनिक न्यूज गैदरिंग अभिप्रेत है और ये इलैक्ट्रॉनिक प्रौद्योगिकियां हैं जो टीवी स्टूडियो से बाहर दूरस्थ स्थानों से टीवी चैनल/टेलीपोर्ट/टेलीपोर्ट हब/न्यूज रिपोर्टर को डीएसएनजी/एसएनजी के अलावा नेटवर्क/इंटरनेट/लीज्ड लाइन या अन्य किसी भी माध्यम/उपकरण (बैग पैक सहित) का उपयोग करके प्रसारण की अनुमति देता है।

डीएसएनजी/एसएनजी उपकरणों की खरीद और उपयोग

  • मंत्रालय की विधिवत अनुमति के बाद निम्नलिखित निकाय डीएसएनजी/एसएनजी उपकरण की खरीद और उपयोग के लिए पात्र हैं:
    1. कंपनी/एलएलपी, जिसके पास ऐसी अनुमति की अवधि के लिए टेलीपोर्ट का संचालन करने के लिए मंत्रालय की अनुमति हो:
    2. कंपनी/एलएलपी, जिसके पास ऐसी अनुमति की अवधि के लिए, समाचार चैनल को अपलिंक करने के लिए मंत्रालय की अनुमति हो;
    3. कंपनी/एलएलपी, जिसके पास ऐसी अनुमति की अवधि के लिए, समाचार एजेंसी के लिए मंत्रालय की अनुमति हो;
  • उप-पैरा (1) में उल्लिखित कोई कंपनी, एसएनजी/डीएसएनजी उपकरण की खरीद के लिए अनुमति प्राप्त करने के प्रयोजन से, नीति दिशानिर्देश 2022 के परिशिष्ट-। में यथा उल्लखित प्रक्रिया शुल्क का भुगतान करके उसमें विनिर्दिष्ट दस्तावेजों के साथ ब्रॉडकास्ट सेवा पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकती है।
  • मंत्रालय, स्वयं को इस बात से संतुष्ट होने के बाद कि आवेदन नियमानुसार है और प्रस्ताव अन्यथा अनुमोदन के लिए उपयुक्त है, आवेदन प्राप्त होने के अधिमानतः 15 दिनों के भीतर उपकरण की खरीद के लिए निम्नलिखित शर्तों पर उस कंपनी को अनुमति प्रदान करेगा:
    1. डीएसएनजी/एसएनजी सिग्नल को केवल अनुमति धारक की अनुमति प्राप्त टेलीपोर्ट पर प्रसारित किया जाना चाहिए और सिर्फ उस टेलीपोर्ट के जरिए अनुमति प्राप्त सैटेलाइट के माध्यम से प्रसारण के लिए अपलिंक किया जाना चाहिए।
    2. कंपनी/एलएलपी नीति दिशानिर्देश 2022 के परिशिष्ट-III में विनिर्दिष्ट रोलआउट दायित्वों का पालन करेगी।
    3. डीएसएनजी/एसएनजी के प्रयोग की अनुमति सिर्फ उन क्षेत्रों प्रदेशों/राज्यों में होंगी जिन्हें गृह मंत्रालय द्वारा विशेष रूप से निषिद्ध नहीं किया गया है।
    4. कंपनी/एलएलपी डीएसएनजी/एसएनजी टर्मिनलों की खरीद के दस्तावेजों को प्रस्तुत करेगी और मंत्रालय को विभिन्न स्थानों पर इन टर्मिनलों के लगाने के बारे में सूचित करेगी।
    5. डीएसएनजी/एसएनजी का प्रयोग करने हेतु अनुमति प्राप्त कंपनी एलएलपी फ्रीक्वेंसी प्राधिकार के लिए डब्ल्यूपीसी को आवेदन करेगी।
    6. अनुमति प्राप्त कंपनी/एलएलपी स्थान और घटनाक्रमों का दैनिक रिकार्ड रखेगी जो डीएसएनजी/एसएनजी टर्मिनलों द्वारा कवर और अपलिंक किए गए हैं और उनके प्रमुख सैटेलाइट भू-केंद्रों पर डाउनलिंक किए गए हैं तथा जब कभी आवश्यक हो, उसे लाइसेंसिंग प्राधिकारी अथवा इसके प्राधिकृत प्रतिनिधि के समक्ष प्रस्तुत करेगी जिसमें गृह मंत्रालय के अधिकारी शामिल होंगे।
    7. अनुमति प्राप्त कंपनी/एलएलपी रक्षा प्रतिष्ठानों में प्रवेश नहीं करेगी।
    8. उपकरण को सुरक्षा के दृष्टिकोण से अलग किए गए क्षेत्रों में नहीं ले जाया जाएगा।
    9. डीएसएनजी/एसएनजी के उपयोग की इच्छुक कंपनी/एलएलपी/चैनल ये बचनबद्धता देगी कि इसका उपयोग सिर्फ लाइव न्यूज गैदरिंग और फुटेज संग्रहण के लिए किया जाएगा।
    10. उपरोक्त निबंधन और शर्तों में से किसी का भी उल्लंघन करने पर डीएसएनजी/एसएनजी के उपयोग की अनुमति निरस्त/रद्द कर दी जाएगी।
    11. अनुमति देने वाला प्राधिकारी, जब कभी आवश्यक हो, निर्धारित शर्तों में संशोधन कर सकता है अथवा नई शर्ते समाविष्ट कर सकता है।
    12. अनुमति प्राप्त कंपनी/एलएलपी स्पेक्ट्रम का उपयोग करने के लिए डब्ल्यूपीसी विंग को, लागू शुल्कों/रॉयल्टी का भुगतान सहित अंतरिक्ष विभाग और डब्ल्यूपीसी विंग, संचार मंत्रालय द्वारा निर्धारित निबंधन एवं शर्तों का पालन करेगी।
    13. अनुमति प्राप्त कंपनी/एलएलपी अनुमति प्राप्त सभी डीएसएनजी/एसएनजी/ईएनजी टर्मिनलों के स्थान को लाइव देखने के लिए मंत्रालय द्वारा निर्दिष्ट एजेंसी को एक उपयुक्त हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर समाधान प्रदान करेगी।

डीएसएनजी/एसएनजी उपकरण का प्रयोगः

  1. डीएसएनजी/एसएनजी के प्रयोग की अनुमति लाइव न्यूज/फुटेज संग्रहण और पॉइंट-टू-पॉइंट प्रसारण के लिए भारत से अपलिंक किए गए समाचार और करंट अफेयर्स चैनलों को दी जाएगी।
  2. नीति दिशानिर्देश 2022 के पैरा 14 के तहत अनुमति वाली समाचार एजेंसी न्यूज फुटेज के संग्रहण प्रसारण के लिए डीएसएनजी/ एसएनजी का प्रयोग कर सकती हैं।
  3. कंपनी/एलएलपी जिसके पास अनुमत गैर-समाचार चैनल है, जो अपने स्वयं के अनुमत टेलीपोर्ट से अपलिंक है, अनुमत टेलीपोर्ट पर वीडियो फीड के अंतरण के लिए अपने अनुमोदित चैनलों के लिए डीएसएनजी/एसएनजी उपकरण का उपयोग कर सकती है।
  4. सिर्फ मंत्रालय और दूरदर्शन द्वारा अनुमति प्राप्त टेलीपोर्ट ऑपरेटर/चैनल के मालिक ही अन्य प्रसारकों को डीएसएनजी/एसएनजी उपकरण/अवसंरचना हायर कर सकते हैं जिन्हें भारत से अपलिंक करने की अनुमति प्राप्त है।
  5. अपलिंकिंग को एनक्रिप्टेड मोड में किया जाना चाहिए, ताकि वह केवल क्लोज्ड उपभोक्ता समूहों में रिसीव करने योग्य हो। सिग्नल को केवल लाइसेंसधारी के अनुमति प्राप्त टेलीपोर्ट पर डाउनलिंक और केवल उसी टेलीपोर्ट के माध्यम से अनुमति प्राप्त सैटेलाइट के माध्यम से प्रसारण हेतु अपलिंक किया जाना चाहिए।
  6. गैर-अनुमति प्राप्त कंपनी द्वारा अथवा किसी अनुमति प्राप्त चैनल के मालिक द्वारा डीएसएनजी/एसएनजी का किसी तरह का अनधिकृत प्रयोग/हायरिंग इन दिशानिर्देशों के तहत उल्लंघन माना जाएगा।
  7. कोई गैर-समाचार अथवा विदेशी चैनल नीति दिशानिर्देश, 2022 के भाग-VII में उल्लिखित प्रयोजनों हेतु अनुमति-प्राप्त डीएसएनजी/एसएनजी उपकरण की सेवाओं का उपयोग कर सकता है।

टेलीपोर्ट/अपलिंकिंग हब

टेलीविज़न चैनलों की अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए नीति दिशानिर्देशों 2022 (नीति दिशानिर्देश, 2022) के अनुसार : 

  • 'टेलीपोर्ट' से एक भू. केंद्र स्थल अभिप्रेत है जिससे डब्ल्यूपीसी के विधिवत अनुमोदन से ऑडियो, वीडियो सामग्री चलाने वाले कई टीवी चैनलों को अनुमत्य फ्रीक्वेंसी बैंड पर भू स्थानिक सैटेलाइट से अपलिंक किया जा सकता है।
  • 'टेलीपोर्ट हब' से टीवी चैनलों की अपलिंकिंग के लिए टेलीपोर्टों का ढांचा अभिप्रेत है जहां विभिन्न सैटेलाइटों के लिए कई एंटिना स्थापित किए जाते हैं, और प्रत्येक सैटेलाइट के लिए प्रत्येक एंटिना हेतु डब्ल्यूपीसी से बेतार प्रचालन लाइसेंस प्राप्त किया जाना अपेक्षित है।

आवेदन प्रस्तुत करनाः

  1. कोई कंपनी या एलएलपी टेलीपोर्ट/टेलीपोर्ट हब स्थापित करने के लिए नीति दिशानिर्देशों 2022 के परिशिष्ट-। में विनिर्दिष्ट प्रक्रिया शुल्क का भुगतान करके ब्रॉडकास्ट सेवा पर ऑनलाइन आवेदन कर सकता है, बशर्ते कि वह निम्नलिखित शर्तें पूरी करती होः
    1. इसका जो, उस वर्ष, जिस वर्ष में आवेदन किया गया हो, से ठीक पहले के वित्त वर्ष के अंतिम दिन को है, नीति दिशानिर्देशों 2022 के परिशिष्ट-I में विनिर्दिष्ट उतनी राशि का न्यूनतम निवल मूल्य हो, जैसा कि उसके उस वित्त वर्ष के लेखापरीक्षित/गैर-लेखापरीक्षित तुलना पत्र में दर्शाया गया है।
    2. कंपनी/एलएलपी में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा समय-समय पर यथा अधिसूचित भारत सरकार की विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) नीति के अनुरूप हो;
  2. ऑनलाइन आवेदन पर पात्रता शर्तों की दृष्टि से कार्रवाई की जाएगी और यह अंतरिक्ष विभाग और गृह मंत्रालय से अनापत्ति और उनके अनुमोदन के अधीन होगा।
  3. यदि आवश्यक समझा जाए, तो लिखित में कारण दर्ज करते हुए मंत्रालय आवेदन में किए गए दावों की सत्यता का पता लगाने के लिए वास्तविक परिसर/स्थान का निरीक्षण करवा सकता है।

अनुमति प्रदान करनाः

  • मंत्रालय, गृह मंत्रालय और अन्य प्राधिकारियों से जहां तक हो सके अनापत्ति और अनुमोदन प्राप्त होने के 30 दिनों के भीतर, और स्वयं को इस बात से संतुष्ट करने के बाद कि आवेदक कंपनी/एलएलपी अनुमति दिए जाने के योग्य है, आशय-पत्र (एलओआई) जारी करेगा जिसमें कंपनी/एलएलपी से प्रथम वर्ष का अनुमति शुल्क अदा करने और निर्धारित अवधि के भीतर नीति दिशानिर्देश, 2022 के परिशिष्ट-III में यथा उल्लिखित निष्पादन बैंक गारंटी (पीबीजी) और परिशिष्ट-IV में यथा उल्लिखित प्रतिभूति जमा राशि प्रस्तुत करने का अनुरोध किया जाएगा।
  • प्रथम वर्ष का अनुमति शुल्क अदा करने और बैंक गारंटी निष्पादन एवं प्रतिभूति जमा राशि प्रस्तुत करने के बाद, मंत्रालय अधिमानतः ऐसे भुगतान की प्राप्ति और पीबीजी प्रस्तुत करने के 15 दिनों के भीतर उस माह, जिसमें चैनल चालू हुआ है, के अंत से 10 वर्षों के लिए चैनल की अपलिंकिंग हेतु उस कंपनी/एलएलपी को लिखित आदेश द्वारा अनुमति प्रदान करेगा।
  • उप-पैरा (1) के तहत किसी कंपनी/एलएलपी को निम्नलिखित शर्तों के अध्यधीन अनुमति प्रदान की जाएगी
    1. यह मंत्रालय के साथ 'अनुमति मंजूरी करार' पर हस्ताक्षर करें
    2. यह नीति के परिशिष्ट-। में यथा निर्धारित है, वार्षिक अनुमति शुल्क अदा करे;
    3. यह स्पेक्ट्रम के प्रयोग हेतु डब्ल्यूपीसी को लागू शुल्क रॉयल्टी अदा करे और अंतरिक्ष विभाग और डब्ल्यूपीसी द्वारा इस प्रयोजनार्थ निर्धारित सभी निबंधन और शर्तों का पालन करें;
    4. यह अनुमत्य टेलीपोर्ट से केवल उन टीवी चैनलों को अपलिंक करे जिनको मंत्रालय द्वारा अनुमति/अनुमोदन प्रदान किया गया है, और मंत्रालय द्वारा किसी चैनल की अनुमति/अनुमोदन वापस लेने पर या मंत्रालय द्वारा ऐसी समयावधि, जो उस आदेश में विनिर्दिष्ट हो; के लिए ऐसे अपलिंकिंग को बंद करने हेतु विशिष्ट आदेश पर तुरंत उस चैनल की अपलिंकिंग बंद करे।
    5. यह नीति दिशानिर्देशों 2022 के परिशिष्ट-III में यथा निर्धारित टेलीपोर्ट चालू करने के संबंध में रोल आउट के दायित्व का पालन करे।
  • मंत्रालय लिखित में कारण दर्ज करते हुए अनुमति देने से मना कर सकता है। परंतु यह कि मना की गई ऐसी प्रत्येक अनुमति के बारे में उस कंपनी/एलएलपी को इसका कारण दर्शाते हुए सूचित किया जाएगा।
  • जैसे ही टेलीपोर्ट चालू होगा, कंपनी/एलएलपी इसके चालू होने की स्थिति के संबंध में मंत्रालय को सूचित करेगी।

अनुमति का नवीनीकरणः

  • कोई कंपनी एलएलपी, जिसे नीति दिशानिर्देश 2022 के पैरा 4 के तहत अनुमति दी गई है, अनुमति के नवीकरण के लिए उस माह, जिसमें प्रारंभिक अनुमति की अवधि समाप्त होगी, के समाप्त होने से कम से कम 3 माह पहले नीति दिशा-निर्देश 2022 के परिशिष्ट। में विनिर्दिष्ट प्रक्रिया शुल्क का भुगतान करके ब्रॉडकास्ट सेवा पोर्टल पर आवेदन कर सकती है।
  • नवीकरण की अनुमति 10 वर्ष की अवधि के लिए होगी और यह उन्हीं शर्तों के अधीन होगी जो नीति दिशानिर्देश 2022 के पैरा 3 और 4 के तहत अनुमति के लिए अपेक्षित है।

विदेशी चैनलों से संबंधित विनियमन

  • इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य भारत को अपलिंकिंग टेलीपोर्ट हब बनाना है। इस उद्देश्य के लिए मौजूदा दिशा-निर्देशों में एक प्रावधान पेश किया गया है, जिसके अंतर्गत एक टेलीपोर्ट ऑपरेटर भारत के बाहर डाउनलिंक किए जाने के लिए विदेशी चैनल को अपलिंक कर सकता है। इससे व्यापार करने में आसानी होगी और टेलीपोर्ट ऑपरेटर विदेशी मुद्रा भी अर्जित कर पाएगा।
  • इस मंत्रालय के प्रसारण सेवा पोर्टल (नीचे लिंक दिया गया है) पर एक फॉर्म दिया गया है, जिसमें मंत्रालय से अनुमति हेतु आवेदक टेलीपोर्ट ऑपरेटर अपेक्षित विवरण भरेगा।

(https://new.broadcastseva.gov.in/digigov-portal-webapp Upload?flagiframeAttachView&attachld 14071 5400&whatsnew=true)

डायरेक्ट टू होम (डीटीएच)

डायरेक्ट-टू-होम (डीटीएच) टेलीविजन, डायरेक्ट-ब्रॉडकास्ट सैटेलाइट से प्रेषित संकेतों के माध्यम से सैटेलाइट टेलीविजन प्राप्त करने की एक विधि है। भारत में डीटीएच प्रसारण सेवाएँ प्रदान करने के लिए भारतीय कंपनी अधिनियम, 1956 या 2013 के तहत पंजीकृत कोई भी कंपनी भारत सरकार द्वारा दिनांक 15 मार्च, 2001 को जारी दिशा-निर्देशों (30 दिसंबर, 2020 तक संशोधित) के अनुसार आवेदन कर सकती है। अधिक जानकारी के लिए कृपया इस मंत्रालय के प्रसारण सेवा पोर्टल  https://new.broadcastseva.gov.in/digigov-portal-web-app/scan?requestType=ApplicationRH&actionVal=viewAllService पर जाएँ।