श्री संजय जाजू
सचिव, सूचना और प्रसारण मंत्रालय
श्री संजय जाजू भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1992 बैच के अधिकारी हैं। इन्होंने 5 फरवरी, 2024 को सूचना और प्रसारण मंत्रालय में सचिव के पद पर कार्यभार ग्रहण किया है।
श्री संजय जाजू पोस्ट ग्रेजुएट मैकेनिकल इंजीनियर और लागत एवं प्रबंधन अकाँटेंट हैं और इन्होंने वित्त में एमबीए किया है। इन्होंने रक्षा, अर्बन, अवसंरचना, नागरिक आपूर्ति, शिक्षा, जनजातीय कल्याण, सूचना प्रौद्योगिकी जैसे विविध क्षेत्रों में कार्य किया है।
इन्होंने भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय में रक्षा उत्पादन विभाग में अपर सचिव के रूप में अपनी सेवाएं दी और "मेक इन इंडिया" संकल्प को आगे बढ़ाने के लिए रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों में निवेश और विकास संबंधी नीतियों से जुड़े कार्यों का संचालन किया। इन्होंने रक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्टार्टअप्स के लिए एक सहयोगी मंच बनाने हेतु डिफेंस इनोवेशन ऑर्गनाइजेशन और आईडीईएक्स की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन्हें 21 अप्रैल 2022 को सिविल सेवा दिवस के दौरान लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रतिष्ठित प्रधान मंत्री पुरस्कार, 2021 से सम्मानित किया गया है। इन्होंने आयुध निर्माणी बोर्ड के सफल निगमीकरण में बहुत बड़ी भूमिका निभाई, 200 साल पहले स्थापित इन निर्माणियों के कार्यकरण में बेहतरी लाने के लिए सुधार करने की आवश्यकता लंबे समय से लंबित थी।
वे सामरिक महत्व के क्षेत्रों और सीमाओं पर अवसंरचना के त्वरित निर्माण के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार में राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के संस्थापक निदेशक रहे हैं।
इससे पहले इन्होंने आंध्र प्रदेश सरकार में सूचना प्रौद्योगिकी और संचार और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग में सचिव के पद पर कार्य किया और पूर्ववर्ती आंध्र प्रदेश के निवासियों के आधार पंजीकरण को पूरा करने के कार्यक्रम का आरंभ से अंत तक नेतृत्व किया।
वे विकास और शासन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के प्रबल समर्थक रहे हैं। इन्होंने विभिन्न परियोजनाओं का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया- यथा ‘मीसेवा’ जो एपी (2011), आईएनएएमपीआरओ, एनएचआईडीसीएल में इन्फ्राकॉन (2017), डेफेक्सिम (2021) में जी2सी सेवाएं प्रदान करने के लिए एक प्रमुख व्यापक पहल है। इनमें से अनेक को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
इन्होंने हैदराबाद और विशाखापत्तनम में नगर आयुक्त के रूप में सेवाएं प्रदान की हैं।