भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई), पुणे

भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई), पुणे

अधिक जानकारी के लिए कृपया वेबसाइट देखें

भारतीय फिल्म संस्थान की स्थापना भारत सरकार द्वारा सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत 1960 में की गई थी। 1971 में टेलीविजन विंग को जोड़ने के बाद, संस्थान का नाम बदलकर भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) कर दिया गया। संस्थान को अक्टूबर, 1974 में सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत एक सोसायटी के रूप में पंजीकृत किया गया था। एफटीआईआई सोसायटी में फिल्म, टेलीविजन, संचार, संस्कृति से जुड़ी प्रतिष्ठित हस्तियाँ, संस्थान के पूर्व छात्र और पदेन सरकारी सदस्य शामिल हैं। संस्थान का संचालन चेयरमैन की अध्यक्षता वाली शासी परिषद द्वारा किया जाता है। संस्थान की शैक्षणिक नीतियाँ अकादमिक परिषद द्वारा तैयार की जाती हैं। वित्त से जुड़े मामलों को स्थायी वित्त समिति द्वारा नियंत्रित किया जाता है।

संस्थान में दो विंग हैं: फिल्म और टेलीविजन, जो फिल्म और टेलीविजन दोनों में पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं। निर्देशन और पटकथा लेखन, छायांकन, साउंड रिकॉर्डिंग और साउंड डिजाइन, संपादन और कला निर्देशन और प्रोडक्शन डिजाइन में तीन वर्षीय पाठ्यक्रम स्नातकोत्तर डिप्लोमा मिलता है। संस्थान स्क्रीन एक्टिंग और स्क्रीन राइटिंग (फिल्म, टीवी और वेब सीरीज) में दो वर्षीय स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम भी प्रदान करता है। टेलीविजन पाठ्यक्रमों में टीवी निर्देशन, इलेक्ट्रॉनिक छायांकन, वीडियो संपादन, साउंड रिकॉर्डिंग और टीवी इंजीनियरिंग में विशेषज्ञता के साथ एक वर्षीय स्नातकोत्तर प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम शामिल है।

एफटीआईआई, पुणे ने मई, 2017 से राज्य सरकारों/विश्वविद्यालयों/शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग से स्किलिंग इंडिया इन फिल्म एंड टेलीविजन (एसकेआईएफटी) के माध्यम से देश भर में सस्ती और सुलभ गुणवत्ता वाली सिनेमा साक्षरता प्रदान करने के लिए अल्पकालिक पाठ्यक्रम शुरू किए हैं।

वेबसाइट का लिंक नीचे दिया गया है:

https://www.ftii.ac.in/